IAS Officer कैसे बनें: एक परिचय
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) भारत सरकार की प्रमुख प्रशासनिक सिविल सेवा है। एक IAS अधिकारी देश के शासन और सार्वजनिक नीतियों के निर्माण और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह पद प्रतिष्ठा, जिम्मेदारी और देश की सेवा करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। हर साल लाखों युवा IAS अधिकारी बनने का सपना देखते हैं, लेकिन इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक स्पष्ट समझ और सुनियोजित प्रयास की आवश्यकता होती है।

यदि आप भी IAS बनने की आकांक्षा रखते हैं, तो यह जानना महत्वपूर्ण है कि इस प्रतिष्ठित पद तक पहुँचने का मार्ग क्या है। यह आर्टिकल आपको IAS अधिकारी बनने के लिए आवश्यक योग्यता, संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा (CSE) का विस्तृत पैटर्न और सिलेबस, और सफल तैयारी के लिए महत्वपूर्ण रणनीतियों की संपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा।
Table of Contents
IAS Officer कैसे बनें: अवलोकन (Overview)
मुख्य बिंदु | विवरण |
आयोजक संस्था | संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) |
परीक्षा का नाम | सिविल सेवा परीक्षा (Civil Services Examination – CSE) |
पद | भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS), भारतीय विदेश सेवा (IFS) और अन्य केंद्रीय सेवाएं (ग्रुप A & B) |
परीक्षा की आवृत्ति | वार्षिक |
चयन प्रक्रिया | तीन चरणों में – प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) → मुख्य परीक्षा (Mains) → साक्षात्कार (Interview/Personality Test) |
न्यूनतम योग्यता | किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री |
न्यूनतम आयु | 21 वर्ष (आमतौर पर 1 अगस्त को) |
अधिकतम आयु | 32 वर्ष (सामान्य वर्ग, नियमानुसार आरक्षित वर्गों को छूट) |
आधिकारिक वेबसाइट | upsc.gov.in |
(कृपया ध्यान दें: आयु सीमा, प्रयासों की संख्या और अन्य पात्रता मानदंड में सरकारी नियमों के अनुसार बदलाव हो सकते हैं। नवीनतम और सटीक जानकारी के लिए हमेशा UPSC की आधिकारिक वेबसाइट और परीक्षा नोटिफिकेशन देखें।)
IAS क्या है?
IAS का पूरा नाम है Indian Administrative Service (भारतीय प्रशासनिक सेवा)।
यह भारत सरकार की अखिल भारतीय सेवाओं (All India Services) में से एक है। इसका मतलब है कि इस सेवा के अधिकारी केंद्र सरकार और राज्य सरकारों दोनों के अधीन काम करते हैं।
मुख्य बातें जो बताती हैं कि IAS क्या है:
- शीर्ष प्रशासनिक सेवा: IAS भारत की सबसे प्रमुख और प्रतिष्ठित प्रशासनिक सिविल सेवा है।
- भूमिका: IAS अधिकारी सरकार के प्रशासनिक ढांचे की रीढ़ होते हैं। वे नीतियों को बनाने, उन्हें लागू करने, कार्यक्रमों का प्रबंधन करने और सार्वजनिक सेवाओं को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- जिम्मेदारियाँ: एक IAS अधिकारी विभिन्न स्तरों पर काम करता है, जैसे:
- जिला स्तर पर: जिला मजिस्ट्रेट (District Magistrate) या कलेक्टर के रूप में जिले का प्रशासन संभालना, कानून और व्यवस्था बनाए रखना, राजस्व एकत्र करना आदि।
- राज्य स्तर पर: विभिन्न विभागों में सचिव (Secretary), प्रमुख सचिव (Principal Secretary) या अन्य वरिष्ठ पदों पर नीतियों का निर्माण और कार्यान्वयन करना।
- केंद्र सरकार में: विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में निदेशक (Director), संयुक्त सचिव (Joint Secretary), सचिव या कैबिनेट सचिव (Cabinet Secretary) जैसे उच्च पदों पर काम करना।
- चयन: IAS अधिकारियों का चयन संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा (Civil Services Examination – CSE) के माध्यम से होता है।
- प्रशिक्षण: चयनित उम्मीदवारों को लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA), मसूरी में प्रशिक्षित किया जाता है।
सरल शब्दों में:
IAS अधिकारी वे लोग हैं जो UPSC की कठिन परीक्षा पास करके भारत सरकार और राज्य सरकारों के लिए उच्च स्तर के प्रशासनिक कार्य करते हैं। वे ज़मीनी स्तर पर कलेक्टर के रूप में काम करने से लेकर केंद्र सरकार में नीतियां बनाने तक की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाते हैं। वे देश के विकास और शासन में सीधे तौर पर योगदान देते हैं।
IAS बनने के लिए योग्यता मानदंड
IAS अधिकारी बनने के लिए, उम्मीदवारों को UPSC द्वारा निर्धारित कुछ आवश्यक योग्यताओं को पूरा करना होता है।
राष्ट्रीयता
- उम्मीदवार भारत का नागरिक होना चाहिए।
- कुछ मामलों में, नेपाल या भूटान के नागरिक भी पात्र हो सकते हैं, बशर्ते उनके पास भारत सरकार द्वारा जारी पात्रता प्रमाणपत्र हो।
शैक्षिक योग्यता
- किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में स्नातक (Bachelor’s Degree) की डिग्री या इसके समकक्ष कोई योग्यता।
- स्नातक अंतिम वर्ष के छात्र भी प्रारंभिक परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं, लेकिन मुख्य परीक्षा के लिए आवेदन करते समय उनके पास डिग्री का प्रमाण होना चाहिए।
आयु सीमा और प्रयासों की संख्या
आयु की गणना आमतौर पर 1 अगस्त को की जाती है जिस वर्ष परीक्षा आयोजित होती है।
- न्यूनतम आयु: 21 वर्ष।
- अधिकतम आयु (सामान्य वर्ग): 32 वर्ष।
- अधिकतम आयु (ओबीसी): 35 वर्ष।
- अधिकतम आयु (एससी/एसटी): 37 वर्ष।
- शारीरिक रूप से अक्षम उम्मीदवारों और कुछ अन्य श्रेणियों के लिए भी नियमानुसार छूट का प्रावधान है।
प्रयासों की संख्या (Attempts):
- सामान्य वर्ग: 6 प्रयास।
- ओबीसी: 9 प्रयास।
- एससी/एसटी: कोई सीमा नहीं (जब तक आयु सीमा के भीतर हों)।
- शारीरिक रूप से अक्षम उम्मीदवारों के लिए भी नियमानुसार अतिरिक्त प्रयासों का प्रावधान है।
(विस्तृत और नवीनतम जानकारी के लिए UPSC द्वारा जारी आधिकारिक नोटिफिकेशन अवश्य देखें।)
IAS Officer कैसे बनें: सिविल सेवा परीक्षा पैटर्न
IAS अधिकारी का चयन UPSC द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा (CSE) के माध्यम से होता है। यह परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की जाती है:
1. IAS परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Examination)
यह परीक्षा केवल स्क्रीनिंग (Screening) प्रकृति की है। इसमें प्राप्त अंकों को अंतिम चयन में नहीं गिना जाता है। इसका उद्देश्य मुख्य परीक्षा के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करना है। इसमें दो वस्तुनिष्ठ (Objective Type) पेपर होते हैं:
सामान्य अध्ययन I (GS I)
- अंक: 200
- प्रश्नों की संख्या: 100
- समय: 2 घंटे
- यह पेपर मेरिट रैंकिंग के लिए है (प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने हेतु)।
- नकारात्मक अंकन: प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1/3 अंक काटा जाएगा।
सामान्य अध्ययन II (GS II) – CSAT
- अंक: 200
- प्रश्नों की संख्या: 80
- समय: 2 घंटे
- यह पेपर केवल क्वालीफाइंग प्रकृति का है। इसमें उत्तीर्ण होने के लिए न्यूनतम 33% अंक प्राप्त करना अनिवार्य है।
- नकारात्मक अंकन: प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1/3 अंक काटा जाएगा।
2. IAS परीक्षा की मुख्य परीक्षा (Mains Examination)
प्रारंभिक परीक्षा में सफल घोषित किए गए उम्मीदवार मुख्य परीक्षा में शामिल होते हैं। यह वर्णनात्मक (Descriptive Type) परीक्षा है और इसमें प्राप्त अंकों को अंतिम चयन के लिए गिना जाता है। मुख्य परीक्षा में कुल 9 पेपर होते हैं:
- क्वालीफाइंग पेपर (Qualifying Papers):
- पेपर A: संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल कोई भी एक भारतीय भाषा (300 अंक) – क्वालीफाइंग
- पेपर B: अंग्रेजी (300 अंक) – क्वालीफाइंग
- इन दोनों पेपरों में न्यूनतम अंक प्राप्त करना अनिवार्य है, इनके अंक मेरिट में नहीं जुड़ते।
- मेरिट के लिए गिने जाने वाले पेपर:
- पेपर 1: निबंध (Essay) – 250 अंक
- पेपर 2: सामान्य अध्ययन I (GS I) – 250 अंक
- पेपर 3: सामान्य अध्ययन II (GS II) – 250 अंक
- पेपर 4: सामान्य अध्ययन III (GS III) – 250 अंक
- पेपर 5: सामान्य अध्ययन IV (GS IV – Ethics, Integrity, Aptitude) – 250 अंक
- पेपर 6: वैकल्पिक विषय (Optional Subject) पेपर 1 – 250 अंक
- पेपर 7: वैकल्पिक विषय (Optional Subject) पेपर 2 – 250 अंक
- मुख्य परीक्षा कुल 1750 अंकों की होती है।
3. IAS चयन प्रक्रिया का साक्षात्कार (Interview/Personality Test)
मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है।
- अंक: 275
- उद्देश्य: उम्मीदवार के व्यक्तित्व, मानसिक सतर्कता, सामाजिक गुणों, समसामयिक घटनाओं पर दृष्टिकोण और प्रशासनिक सेवा के लिए उपयुक्तता का मूल्यांकन करना।
अंतिम चयन: मुख्य परीक्षा (1750 अंक) और साक्षात्कार (275 अंक) में प्राप्त कुल अंकों (कुल 2025 अंक) के आधार पर अंतिम मेरिट सूची तैयार की जाती है।
IAS परीक्षा का विस्तृत सिलेबस
UPSC CSE का सिलेबस बहुत व्यापक है। यहाँ मुख्य विषयों का अवलोकन दिया गया है:
IAS परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा सिलेबस
- सामान्य अध्ययन I:
- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की वर्तमान घटनाएं (Current Events)।
- भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन।
- भारत और विश्व का भूगोल (भौतिक, सामाजिक, आर्थिक)।
- भारतीय राजनीति और शासन (संविधान, राजनीतिक व्यवस्था, पंचायती राज, लोक नीति, अधिकार संबंधी मुद्दे)।
- आर्थिक और सामाजिक विकास (सतत विकास, गरीबी, समावेशन, जनसांख्यिकी)।
- पर्यावरण पारिस्थितिकी, जैव विविधता और जलवायु परिवर्तन (सामान्य मुद्दे)।
- सामान्य विज्ञान।
- सामान्य अध्ययन II (CSAT):
- समझ (Comprehension)।
- संचार कौशल सहित अंतर-व्यक्तिगत कौशल (Interpersonal skills)।
- तार्किक तर्क और विश्लेषणात्मक क्षमता (Logical Reasoning & Analytical Ability)।
- निर्णय लेना और समस्या-समाधान (Decision Making & Problem Solving)।
- सामान्य मानसिक क्षमता (General Mental Ability)।
- बुनियादी संख्यात्मकता (कक्षा X स्तर) – संख्याएं और उनके संबंध, परिमाण का क्रम आदि।
- डेटा इंटरप्रिटेशन (चार्ट, ग्राफ, टेबल, डेटा पर्याप्तता आदि – कक्षा X स्तर)।
IAS परीक्षा की मुख्य परीक्षा सिलेबस
- सामान्य हिंदी / अंग्रेजी (क्वालीफाइंग): comprensión (बोधगम्यता), संक्षेपण (Precis), शब्द प्रयोग और शब्दावली, लघुपत्थर (Short Essays), अनुवाद आदि।
- निबंध (Essay): उम्मीदवारों को दिए गए विषयों पर निबंध लिखना होता है। विषय अमूर्त या विशिष्ट हो सकते हैं।
- सामान्य अध्ययन I: भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास और भूगोल, और समाज।
- सामान्य अध्ययन II: शासन, संविधान, राजव्यवस्था, सामाजिक न्याय और अंतर्राष्ट्रीय संबंध।
- सामान्य अध्ययन III: प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा और आपदा प्रबंधन।
- सामान्य अध्ययन IV: नैतिकता, सत्यनिष्ठा और अभिरुचि।
- वैकल्पिक विषय (Optional Subject): उम्मीदवारों को 25 विषयों की सूची में से एक वैकल्पिक विषय चुनना होता है। प्रत्येक विषय के दो पेपर होते हैं।
IAS Officer कैसे बनें: तैयारी की रणनीति
सफलता के लिए एक प्रभावी और समर्पित रणनीति आवश्यक है।
- सिलेबस और पैटर्न को गहराई से समझें: तैयारी शुरू करने से पहले, UPSC द्वारा जारी नवीनतम सिलेबस और परीक्षा पैटर्न को पूरी तरह से पढ़ें और समझें।
- सही अध्ययन सामग्री चुनें: NCERT पुस्तकें (कक्षा 6 से 12 तक) मौलिक समझ के लिए आधार हैं। इसके अतिरिक्त, मानक संदर्भ पुस्तकों, प्रतिष्ठित समाचार पत्रों (जैसे द हिंदू, इंडियन एक्सप्रेस), मासिक पत्रिकाओं और सरकारी प्रकाशनों का अध्ययन करें। सामग्री का ढेर लगाने से बचें।
- एक यथार्थवादी समय सारणी बनाएं: अपनी ताकत, कमजोरियों और दैनिक दिनचर्या के अनुसार एक व्यवहार्य अध्ययन योजना बनाएं। प्रत्येक विषय और रिवीज़न के लिए पर्याप्त समय आवंटित करें।
- करंट अफेयर्स पर नियमित रूप से ध्यान दें: समसामयिक घटनाएँ प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा दोनों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। नियमित रूप से समाचार पत्र पढ़ें, नोट्स बनाएं और मासिक संकलनों का अध्ययन करें।
- उत्तर लिखने का अभ्यास करें (मुख्य परीक्षा के लिए): मुख्य परीक्षा वर्णनात्मक होती है। नियमित रूप से उत्तर लिखने का अभ्यास करें ताकि आप समय सीमा के भीतर स्पष्ट, संरचित और प्रासंगिक उत्तर लिख सकें।
- वैकल्पिक विषय का चयन सावधानी से करें: वैकल्पिक विषय का चयन अपनी रुचि, पृष्ठभूमि और सामग्री की उपलब्धता के आधार पर करें। इस विषय पर अच्छी पकड़ बनाना मुख्य परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है।
- रिवीजन और मॉक टेस्ट: पढ़े हुए विषयों का नियमित रूप से रिवीज़न करें। अपनी तैयारी का मूल्यांकन करने और परीक्षा के माहौल से परिचित होने के लिए प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा दोनों के लिए नियमित रूप से मॉक टेस्ट दें।
- सीसैट (CSAT) को अनदेखा न करें: भले ही यह क्वालीफाइंग हो, इसे पास करना अनिवार्य है। बुनियादी गणित, रीजनिंग और कंप्रीहेंशन का नियमित अभ्यास करें।
- स्वस्थ रहें: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। पर्याप्त नींद लें, संतुलित आहार लें, और तनाव प्रबंधन के लिए व्यायाम या ध्यान करें।
- सीमित संसाधनों पर टिके रहें: बार-बार संसाधन बदलने से बचें। कुछ विश्वसनीय स्रोतों पर भरोसा करें और उनका गहन अध्ययन करें।
महत्वपूर्ण संसाधन
तैयारी के लिए कुछ सुझाए गए महत्वपूर्ण संसाधन:
- NCERT पुस्तकें: इतिहास, भूगोल, राजव्यवस्था, अर्थव्यवस्था, विज्ञान।
- मानक संदर्भ पुस्तकें:
- भारतीय राजव्यवस्था: एम. लक्ष्मीकांत
- आधुनिक भारत का इतिहास: स्पेक्ट्रम (राजीव अहीर)
- भारतीय अर्थव्यवस्था: रमेश सिंह (या अन्य)
- भारतीय भूगोल: माजिद हुसैन (या अन्य)
- कला और संस्कृति: नितिन सिंघानिया
- पर्यावरण: शंकर आईएएस (या अन्य)
- नैतिकता (GS IV): लेक्सिकॉन (या अन्य)
- समाचार पत्र: द हिंदू, इंडियन एक्सप्रेस।
- पत्रिकाएं: योजना, कुरुक्षेत्र, फ्रंटलाइन।
- सरकारी वेबसाइटें: पीआईबी (Press Information Bureau), इंडिया ईयर बुक (India Year Book), आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey), बजट (Budget)।
- पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र: UPSC की वेबसाइट पर उपलब्ध।
- मॉक टेस्ट सीरीज़: प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों के।
IAS की जिम्मेदारियां (Responsibilities of an IAS Officer)
IAS अधिकारी की जिम्मेदारियां उनके पद और नियुक्ति के स्थान (जिला, राज्य, केंद्र सरकार) के अनुसार भिन्न होती हैं। हालांकि, कुछ मुख्य जिम्मेदारियां निम्नलिखित हैं:
- सार्वजनिक नीति का निर्माण और कार्यान्वयन:
- सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में नीति निर्माण की प्रक्रिया में भाग लेना।
- केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा बनाई गई नीतियों और कार्यक्रमों को जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करना सुनिश्चित करना।
- कार्यान्वयन की निगरानी करना और आवश्यक सुधार सुझाना।
- कानून और व्यवस्था बनाए रखना:
- जिला स्तर पर, जिला मजिस्ट्रेट (District Magistrate) के रूप में, कानून और व्यवस्था बनाए रखने की प्राथमिक जिम्मेदारी IAS अधिकारी की होती है।
- सार्वजनिक शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना।
- राजस्व प्रशासन:
- जिला स्तर पर, कलेक्टर (Collector) के रूप में, भूमि राजस्व का संग्रह और प्रबंधन करना।
- भूमि अभिलेखों (Land Records) का रखरखाव और अद्यतन सुनिश्चित करना।
- भूमि अधिग्रहण (Land Acquisition) से संबंधित मामलों को संभालना।
- विकास कार्यक्रम और परियोजना प्रबंधन:
- केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा शुरू किए गए विभिन्न विकास कार्यक्रमों (जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, गरीबी उन्मूलन) की योजना बनाना और उन्हें लागू करना।
- परियोजनाओं का प्रबंधन करना, संसाधनों का कुशल उपयोग सुनिश्चित करना और परिणामों की निगरानी करना।
- आपदा प्रबंधन (Disaster Management):
- प्राकृतिक आपदाओं (जैसे बाढ़, भूकंप, सूखा) या मानव निर्मित आपदाओं के दौरान राहत और बचाव कार्यों का समन्वय और प्रबंधन करना।
- पुनर्वास प्रयासों की निगरानी करना।
- विभिन्न सरकारी विभागों का प्रशासन:
- राज्य और केंद्र सरकार में विभिन्न विभागों (जैसे वित्त, गृह, रक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि) के प्रमुख या सचिव के रूप में कार्य करना।
- विभाग के दिन-प्रतिदिन के कार्यों का प्रबंधन, कर्मचारियों का पर्यवेक्षण और लक्ष्यों को प्राप्त करना सुनिश्चित करना।
- सरकार का प्रतिनिधित्व:
- विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सरकार का प्रतिनिधित्व करना।
- जनता की शिकायतों का निवारण:
- सार्वजनिक शिकायतों को सुनना और उनका समाधान करना।
- नागरिकों के लिए सरकारी सेवाओं तक पहुँच सुनिश्चित करना।
- सलाहकार की भूमिका:
- मंत्रियों और निर्वाचित प्रतिनिधियों को विभिन्न मुद्दों पर विशेषज्ञ सलाह और इनपुट प्रदान करना।
- समन्वय:
- सरकार के विभिन्न विभागों, एजेंसियों और स्तरों के बीच समन्वय स्थापित करना ताकि कार्य सुचारू रूप से हो सके।
संक्षेप में:
एक IAS अधिकारी की भूमिका बहुआयामी होती है। वे प्रशासक, प्रबंधक, योजनाकार, समन्वयक, सलाहकार और सार्वजनिक सेवक की भूमिकाएं निभाते हैं। उनकी मुख्य जिम्मेदारी सार्वजनिक हित में शासन चलाना, नीतियों को प्रभावी ढंग से लागू करना और देश के विकास और कल्याण में योगदान देना है। यह पद न केवल अधिकार लाता है, बल्कि समाज के प्रति गहरी जवाबदेही (Accountability) भी लाता है।
IAS को मिलने वाले पद
IAS अधिकारी के करियर में उन्हें कई तरह के पद (Posts) मिलते हैं। उनकी तरक्की (promotion) सेवा में बिताए गए वर्षों, प्रदर्शन और अनुभव के आधार पर होती है। ये पद जिला स्तर से लेकर राज्य सचिवालय और केंद्र सरकार तक होते हैं।
यहाँ एक सामान्य क्रम और विभिन्न स्तरों पर मिलने वाले प्रमुख पद दिए गए हैं (ध्यान दें कि राज्यों के बीच नामों में थोड़ा अंतर हो सकता है, और करियर पथ सभी के लिए बिल्कुल एक जैसा नहीं होता):
1. प्रशिक्षण अवधि और प्रारंभिक पोस्टिंग (Training Period & Initial Posting):
- सहायक कलेक्टर (प्रशिक्षु) / उप-मंडल मजिस्ट्रेट (प्रोबेशनर): यह LBSNAA (लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी) में प्रशिक्षण और फिर किसी जिले में सहायक के रूप में फील्ड प्रशिक्षण के दौरान मिलने वाले शुरुआती पद हैं।
2. जिला प्रशासन में प्रारंभिक वर्ष (Early Years in District Administration):
- उप-मंडल मजिस्ट्रेट (Sub-Divisional Magistrate – SDM): यह अक्सर पहला स्वतंत्र प्रभार होता है, जहां अधिकारी एक उप-मंडल (Sub-Division) का प्रशासन संभालते हैं।
- अपर जिला मजिस्ट्रेट (Additional District Magistrate – ADM): यह जिला स्तर पर DM के सहायक के रूप में एक महत्वपूर्ण पद है।
- मुख्य विकास अधिकारी (Chief Development Officer – CDO): कुछ राज्यों में यह भी शुरुआती महत्वपूर्ण जिला स्तरीय पद हो सकता है, जो विकास कार्यों पर केंद्रित होता है।
3. जिला स्तर पर महत्वपूर्ण और वरिष्ठ पद (Key & Senior Posts at District Level):
- जिला मजिस्ट्रेट (District Magistrate – DM) / कलेक्टर (Collector) / उपायुक्त (Deputy Commissioner): यह IAS अधिकारी का सबसे प्रतिष्ठित और बहुआयामी जिला स्तरीय पद है। इस भूमिका में अधिकारी कानून और व्यवस्था बनाए रखते हैं, राजस्व एकत्र करते हैं, विकास कार्यों का समन्वय करते हैं और सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हैं।
- मंडलायुक्त (Divisional Commissioner): यह पद कई जिलों (एक मंडल/Division) के प्रशासन की देखरेख करता है और संबंधित DM/कलेक्टरों के कार्यों का पर्यवेक्षण करता है। यह DM के पद से वरिष्ठ होता है।
4. राज्य सचिवालय में पद (Posts in State Secretariat):
जिला स्तर पर अनुभव प्राप्त करने के बाद, अधिकारी अक्सर राज्य की राजधानी में सचिवालय में नियुक्त किए जाते हैं। यहाँ पदानुक्रम इस प्रकार होता है:
- अवर सचिव (Under Secretary)
- उप सचिव (Deputy Secretary)
- संयुक्त सचिव (Joint Secretary)
- विशेष सचिव (Special Secretary) / अपर सचिव (Additional Secretary)
- सचिव (Secretary)
- प्रमुख सचिव (Principal Secretary)
- अपर मुख्य सचिव (Additional Chief Secretary)
- मुख्य सचिव (Chief Secretary): यह राज्य सरकार के प्रशासनिक तंत्र में सर्वोच्च पद होता है। मुख्य सचिव राज्य के प्रशासनिक प्रमुख होते हैं और मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार के रूप में कार्य करते हैं।
5. केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति (Deputation to Central Government):
IAS अधिकारी केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में भी प्रतिनियुक्ति पर सेवा कर सकते हैं। यहाँ भी एक स्पष्ट पदानुक्रम है:
- उप सचिव (Deputy Secretary)
- निदेशक (Director)
- संयुक्त सचिव (Joint Secretary)
- अपर सचिव (Additional Secretary)
- सचिव (Secretary to the Government of India): यह केंद्र सरकार में विभिन्न मंत्रालयों के प्रमुख प्रशासनिक पद होते हैं।
- कैबिनेट सचिव (Cabinet Secretary): यह भारत सरकार में सर्वोच्च प्रशासनिक पद है। कैबिनेट सचिव भारत सरकार के मुख्य समन्वयक और प्रधानमंत्री के प्रधान प्रशासनिक सलाहकार होते हैं।
6. अन्य पद (Other Posts):
IAS अधिकारी विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs), स्वायत्त निकायों (Autonomous Bodies), नियामक प्राधिकरणों (Regulatory Authorities), न्यायाधिकरणों (Tribunals) और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में भी प्रतिनियुक्ति पर पदों पर कार्य कर सकते हैं, जैसे:
- अध्यक्ष (Chairman)
- प्रबंध निदेशक (Managing Director – MD)
- मुख्य कार्यकारी अधिकारी (Chief Executive Officer – CEO)
- सदस्य (Member)
संक्षेप में:
एक IAS अधिकारी अपने करियर के दौरान एक उप-मंडल मजिस्ट्रेट से लेकर कैबिनेट सचिव तक की यात्रा कर सकता है। उन्हें जिला प्रशासन, राजस्व प्रबंधन, विकास कार्यक्रम कार्यान्वयन, नीति निर्माण, विभिन्न विभागों का प्रबंधन और आपदा प्रबंधन जैसी विविध जिम्मेदारियां निभाने का अवसर मिलता है। उनके पद की प्रकृति समय के साथ और नियुक्ति स्थान के आधार पर बदलती रहती है, लेकिन उनका मुख्य उद्देश्य हमेशा सार्वजनिक सेवा और सुशासन सुनिश्चित करना होता है।
निष्कर्ष
IAS अधिकारी बनना एक चुनौतीपूर्ण लेकिन गौरवपूर्ण लक्ष्य है। सही रणनीति, समय प्रबंधन, और दृढ़ संकल्प से यह लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। अगर आप मेहनत से तैयारी करते हैं तो सफलता निश्चित है।
सुझाव: रोज अखबार पढ़ें, NCERT की किताबों से शुरुआत करें, और मॉक टेस्ट देते रहें
FAQ
Q1. IAS Officer बनने के लिए न्यूनतम योग्यता क्या है?
उम्मीदवार के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक (Graduate) की डिग्री होनी चाहिए।
Q2. IAS के लिए अधिकतम उम्र सीमा क्या है?
General: 21 से 32 वर्ष
OBC: 21 से 35 वर्ष
SC/ST: 21 से 37 वर्ष
Q3. UPSC परीक्षा में कितने चरण होते हैं?
कुल 3 चरण होते हैं:
प्रारंभिक परीक्षा (Prelims)
मुख्य परीक्षा (Mains)
साक्षात्कार (Interview)
Q4. IAS बनने के लिए कौन सी परीक्षा देनी होती है?
UPSC (Union Public Service Commission) द्वारा आयोजित Civil Services Examination देनी होती है।
Q5. UPSC परीक्षा साल में कितनी बार होती है?
साल में एक बार आयोजित की जाती है।
Q6. IAS बनने के लिए किस विषय से Graduation जरूरी है?
कोई भी विषय चलेगा — Arts, Science, Commerce या अन्य कोई भी।
Q7. क्या 12वीं के बाद IAS की तैयारी की जा सकती है?
हाँ, 12वीं के बाद से ही तैयारी शुरू की जा सकती है, लेकिन परीक्षा में बैठने के लिए Graduation पूरा होना जरूरी है।
Q8. IAS Officer को कौन-कौन से पद मिल सकते हैं?
SDM, DM (जिलाधिकारी), Joint Secretary, Chief Secretary, Cabinet Secretary आदि।
Q9. IAS Officer की ट्रेनिंग कहाँ होती है?
मसूरी स्थित LBSNAA (Lal Bahadur Shastri National Academy of Administration) में।
Q10. IAS Officer की सैलरी कितनी होती है?
शुरुआती सैलरी ₹56,100 से शुरू होकर वरिष्ठ पदों पर ₹2.5 लाख+ तक हो सकती है, साथ में सरकारी सुविधाएँ भी मिलती हैं।